Wednesday, May 15, 2024
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जानिये — भगत सिंह ने जेल की सलाखो के पीछे से इस्पेक्टर जनरल को क्या लिखा था पत्र

इंस्पेक्टर जनरल के नाम पत्र
12 जून 1929 को असेम्बली बमकाण्ड के मुकदमें का ड्रामा खत्म हुआ । भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त को उम्रकैद कर सजा दी गयी। भगत सिंह को दिल्ली से पंजाब ले जाकर मियाॅवाली जेल में व दत्त को लहौर केन्द्रीय जेल मे रखा गया। उन्होने जेल में राजनीतिक बन्दियो के साथ व्यवहार के लिए संघर्ष की योजना गाड़ी में ही बना डाली। उनके अनुसार, ’’सजा पाने के बाद हमने देखा कि हमारे वर्ग के राजनीतिक कैदियो की स्थिति बहुत खराब थी।’’ 17 जुन 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्बर दत्त ने अलग-अलग नोटिसो में 15 जून से भूख हडताल शुरू करने की सूचना और अपनी माॅगो की सूची सरकार को पेश की। बाद में,14 सितम्बर,1929 को ये दोनो नोटिस पं मदनमोहन मालवीय द्वारा लेजिस्लेटिव असेम्बली में पढे गये। एक दूसरे पत्र में भगत सिंह ने स्वंय को लाहौर जेल भेजने की बात उठायी ताकि साथियो के सम्पर्क में रह सकें।

मियाॅवाली जेल
17 जून 1929

सेवा में,
इंस्पेक्टर जनरल,जेल,
पंजाब (जेल्स) लाहौर ।

प्रिय महोंदय,
इस सचाई के बावजूद कि साण्डर्स शूटिंग केस में गिरफ्तार दूसरे नौजवानो के साथ ही मुझ पर भी मुकदमा चलेगा, मुझे दिल्ली से मियाॅवाली जेंल में बदल दिया गया है। उस केस की सुनवाई 26 जून1929 से शुरू होने वाली है। मै यह समझने में सर्वथा असमर्थ रहा हॅू। कि मुझे यहाॅ तब्दील करने के पीछे क्या भावना काम कर रही है।
जो भी हो, न्याय की मांग है कि हरेक अभियुक्त को वे सब सुविधाए मिलनी चाहिए, जिनमें वह अपने मुकदमें की तैयारी कर सके और लड़ सके। मै यहां रहते कैसे अपना वकील नियुक्त कर सकता हूॅ? क्यांेकि यहाॅ रहते हुए मुझे अपने पिता या दूसरे रिश्तेदारो से सम्पर्क रखना कठिन है। यह स्थान काफी अलग-थलग है, रास्ता कठिन है और लाहौर से काफी दूर है।
मै प्रार्थना करता हूॅ कि आप मुझे तुरन्त लाहौर सेण्ट्रल जेल में बदलने का आदेश दे, जिसमें कि मुझे अपना केस लडने की तैयारी करने का उचित अवसर मिले। आशा है कि शीघ्र घ्यान दिया जायेगा।

आपका
भगतसिंह

प्रस्तुत – भगतसिंह और उनके साथियो के सम्पूर्ण उपलब्ध दस्तावेज

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