रुद्रप्रयाग — बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत : डीएम
रुद्रप्रयाग ——
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में दो दिवसीय आनन्दम पाठ्यचर्या कार्यक्रम का शुभारम्भ हो गया। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सभी को इससे कुछ नए अनुभव सीखने होंगे ताकि इसे प्रयोग में लाया जा सके।कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि आनन्दम करिकुलम में ध्यान की एक्टिविटी में फोकस किया जा रहा है। बच्चों का ध्यान काफी भटकता है इसलिए उन्हें चलने, खाने, देखने, सुनने व हर चीज के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि खेल विधि से सिखाते हुए उन्हें एक दूसरे का सम्मान करने, भरोसा करने, अपने लक्ष्य के प्रति फोकस करने आदि के बारे में बताया जाएगा। बताया कि आनन्दम करिकुलम की क्लास नर्सरी से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों के लिए है। इससे बच्चों में आत्मविश्वास को बढ़ाने और खुश रहने के साथ भावनात्मक रूप से मजबूत बनने की कला सिखाई जाती है। अच्छी शिक्षा, अच्छी विल्डिंग के साथ ही अच्छा इन्सान बनाने से पूर्ण होती है। यह सबकुछ शिक्षक पर निर्भर करता है। मास्टर ट्रेनर डॉ इन्दुकांता इन्दुकान्ता भण्डारी ने प्रशिक्षण देते हुए बताया कि कोठारी कमीशन, नई शिक्षा नीति ने भी शांति एवं सौहार्द जैसे मूल्यों के विकास पर जोर दिया। वर्तमान में बच्चों में तनाव, हिंसा, उत्कंठा, अवसाद, भयभीत करना एवं खिल्ली उडाना जैसे नकारात्मक स्वभाव बढते जा रहे है, इसलिए यूनेस्को ने भी अपनी 1996 की रिपोर्ट में सिखाने के चार स्तम्भ जानने के लिए सीखना, करने के लिए सीखना, साथ रहने के लिए सीखना व स्वबोध के लिए सीखने पर जोर दिया है। इससे मनुष्य को सतत खुशी व अपने लक्ष्य की छवि अच्छे ढग़ से पता चलेगी, और वह उसी के अनुरूप कार्य करेंगे। इस मौके पर डाइट के प्रधानाचार्य सुधीर सिंह असवाल, डॉ राखी बिष्ट सहित सभी शिक्षक मौजूद थे।