अहमद पटेल के बाद सोनिया का भरोसा कमलनाथ पर
नई दिल्ली ——
बिहार चुनाव में कांग्रेस के अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन और उसके बाद पार्टी में छाई निष्क्रियता के बाद पार्टी में नेतृत्व को लेकर फिर बवाल है। अहमद पटेल के निधन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और परिवार के वफादार कमलनाथ पर भरोसा जताते हुए उन्हें नए संकटमोचक की भूमिका सौंपी है।
हाल ही में दिल्ली आकर कमलनाथ ने सोनिया से लंबी मुलाकात की। इसके बाद वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से भी मिले।
सोनिया चाहती हैं कि कमलनाथ जल्द ही कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के हाथों दोबारा सौंपे जाने का रास्ता तैयार करें। अब तक अध्यक्ष पद पर किसी गैर-गांधी को बिठाने की जिद ठाने हुए राहुल गांधी ने भी अब अपना हठ छोड़ दिया है और वह दोबारा जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं।
सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले गुट 23 नेताओं के साथ कुछ अन्य वरिष्ठ नेता जिन्होंने उक्त पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे, भी अब पार्टी के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और वह सोनिया गांधी से मिलकर दो टूक बात करना चाहते हैं। इसी आशय का एक संदेश लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सोनिया गांधी से हाल ही में मिले और उन्हें अन्य वरिष्ठ नेताओं की भावनाओं से अवगत कराते हुए सबके साथ बातचीत करने का सुझाव दिया। इसी मुलाकात में सोनिया गांधी ने कमलनाथ को जिम्मेदारी दी है कि वह किसी भी तरह पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं मुख्यरूप से कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों को अगले कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी के नाम पर सर्वसम्मति बनाएं।
इसके बाद कमलनाथ सोनिया के साथ हुई अपनी बातचीत को लेकर कांग्रेस के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मिले। दरअसल कांग्रेस में उंगलियां अशक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर नहीं बल्कि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कार्यशैली और तरीके पर उठ रही हैं। ये उंगलियां वो लोग उठा रहे हैं जिन्हें लंबे समय तक 10 जनपथ का बेहद भरोसेमंद माना जाता रहा है और जिन्होंने यूपीए सरकार के पूरे दस साल सरकार और पार्टी के फैसलों को प्रभावित भी किया है।
