Friday, March 29, 2024
स्वास्थ्य

स्वास्थ्य के लिए हानि से ज्यादा फायदेमंद है डार्क चॉकलेट

चॉकलेट शब्द सुनते ही बच्चों के साथ-साथ बड़ों के मुँह में भी पानी आ जाता है। वैसे तो हम बड़े हमेशा बच्चों को चॉकलेट खाने से मना करते हैं, क्योंकि हमारी धारणा यह बनी हुई है कि चॉकलेट खाने से मोटापा बढ़ता है, दाँतों में कीड़े लग जाते हैं इत्यादि-इत्यादि। यह सब हमारी अपनी बनाई धारणाएँ हैं। वास्तविकता से इनका कोई लेना-देना नहीं होता है। शोधकर्ताओं द्वारा किए गए कई अध्ययनों से पता चलता है कि चॉकलेट खाना स्वास्थ्य के अच्छा रहता है। अति हर चीज की बुरी होती है। चॉकलेट का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसी तरह, चॉकलेट के अत्यधिक सेवन से कैविटी या मधुमेह हो सकता है। इसके साथ ही चॉकलेट एक ऐसा स्वीटनर है जो आपको अधिकतम ऊर्जा देता है और शरीर में शुगर के स्तर को संतुलित करता है। चॉकलेट हर किसी का पसंदीदा खाना होता है। यह आपके दिमाग को शांत करने और आपके मूड को बेहतर बनाने की क्षमता रखता है।
डार्क चॉकलेट
डार्क चॉकलेट सभी को पसंद आती है। मगर कुछ लोग वजन बढऩे के डर से इसका सेवन नहीं करते। डार्क चॉकलेट में आयरन, कॉपर, फ्लैवनॉल्स, जिंक व फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माने जाते हैं। समय-समय पर हुए शोधों से ज्ञात हुआ है कि डॉर्क चॉकलेट का सेवन शरीर पर कई प्रकार के फायदेमंद प्रभाव डालता है। हालांकि अभी भी डॉर्क चॉकलेट को लेकर शोध जारी हैं।
दिल का रखे ध्यान
संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन दिल के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। एक शोध के अनुसार, डार्क चॉकलेट में एपिप्टिन, कैटेचिन और प्रोसीएनिडिन्स जैसे फ्लेवनॉल मौजूद होते हैं। इनमें एंटीहाइपरटेन्सिव, एंटीप्लेटलेट, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं। चॉकलेट में पाए जाने वाले यह प्रभाव संयुक्त रूप से उच्च रक्तचाप, प्लेटलेट के गठन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन की समस्या को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। डार्क चॉकलेट का सेवन दिल के दौरे के खतरे को 50त्न और कॉरनेरी बीमारी को 10त्न तक कम करता है। इसलिए चॉकलेट को सीमति मात्रा में खाने से शरीर को नुकसान नहीं फायदा मिलता है।
लो ब्लड प्रेशर में
लो ब्लड प्रेशर में थोड़ी डार्क चॉकलेट खाने की सलाह दी जाती है। यह आपके मूड को भी सही करती है। साथ ही इससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है। लो ब्लड प्रेशर वाले व्यक्ति को अपने घर पर हमेशा डॉर्क चॉकलेट रखनी चाहिए।
कोलेस्ट्रोल घटाए
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने के लिए डॉर्क चॉकलेट का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। दरअसल, हमारे शरीर में कई तरह के बैड कोलेस्ट्राल भी बनते हैं जिनका स्तर अगर बढ़ता है तो हमें कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डॉर्क चॉकलेट का सेवन एलडीएल कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है। एलडीएल जैसे कोलेस्ट्राल इंसान को मोटापे का शिकार बनाते हैं। अगर आप मोटापे से बचे रहते हैं तो कई अन्य तरह के रोगों से आसानी से बच जाते हैं। साथ ही इसके सेवन से ब्लड प्रेशर में भी सुधार देखा जा सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कोलेस्ट्रॉल को कम करने में डार्क चॉकलेट मददगार साबित हो सकती है।
स्मरण शक्ति को बढ़ाता है
वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में सामने आया है कि अगर हम रोजाना संतुलित मात्रा में डॉर्क चॉकलेट का सेवन करते हैं तो मस्तिष्क तंदुरुत रहता है। साथ ही हमारी स्मरण शक्ति भी मजबूत रहती है। चॉकलेट ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक रखता है।
अवसाद में फायदेमंद है डार्क चॉकलेट
अवसाद (डिप्रेशन) आज के समय में एक आम समस्या बन गई है। अवसाद के समय में मनुष्य में मूड में बदलाव, उदास रहना, गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसे में डॉर्क चॉकलेट का सेवन मूड को ठीक करने का काम करता है। शोध में सामने आया है कि अगर कुछ दिन तक नियमित डार्क चॉकलेट का सेवन किया जाए तो डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
शरीर को बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट बेहद जरुरी हैं। एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को क्षति से बचाने का काम करता है। फलों और सब्जियों की तरह डॉर्क चॉकलेट में भी एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। डार्क चॉकलेट में प्रचूर मात्रा में फेनोलिक यौगिक पाया जाता है जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। ऐसे में खुद को स्वस्थ रखने के लिए डॉर्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है।
कैंसर
डार्क चॉकलेट का सेवन कैंसर को तो ठीक नहीं कर सकता लेकिन इससे आपको बचा कर जरूर रख सकता है। डार्क चॉकलेट के सेवन से कैंसर कोशिकाओं के बढऩे के साथ सूजन को कम किया जा सकता है। डार्क चॉकलेट के सेवन से पेट के कैंसर से बचाव में भी मदद मिलती है।
आंखों के लिए
आंखों को अगर स्वस्थ रखना है तो आज से ही डार्क चॉकलेट का सेवन शुरू कर दे। शोध द्वारा जानकारी मिली है कि मिल्क चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट के सेवन के दो घंटे बाद देखने की क्षमता में अधिक सुधार पाया गया है। हालांकि, अभी इस शोध में और अध्ययन किया जा रहा है।
मधुमेह मरीजों के लिए
कुछ शोध में सामने आया है कि डार्क चॉकलेट का सेवन ब्लड शुगर लेवल को कम मदद कर सकता है। कोको में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण सीधे इंसुलिन प्रतिरोध को प्रभावित कर सकते हैं और बदले में, मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके आलावा डार्क चॉकलेट में मौजूद पॉलीफेनोल्स इंसुलिन प्रतिरोध को प्रभावित कर मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
आंतों को स्वस्थ
आंतों को स्वस्थ रखने के लिए डार्क चॉकलेट का सेवन मददगार साबित होता है। कोको और इसके उत्पाद जैसे की डार्क चॉकलेट पॉलीफेनोल्स जैसे फ्लेवनॉल्स से समृद्ध होते हैं। कोका पॉलीफेनोल्स आंत के माइक्रोबायोटा के साथ संपर्क में आते ही माइक्रोबायोटा की संरचना और प्रीबायोटिक तंत्र को बढ़ा सकते हैं। वे फायदेमंद गट बैक्टीरिया जैसे कि लैक्टोबैसिलस और बिफिडोबैक्टीरियम को बढ़ाते हैं। वहीं हानिकारक बैक्टीरिया जैसे कि क्लोस्ट्रीडियम इत्रिंगेंस को कम करते हैं। इसके अलावा बायोएक्टिव कोका मेटाबोलाइट्स (पाचन को बढ़ावा देने वाले रसायन) आंत के स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं।
थ्य के साथ-साथ त्वचा के लिए भी डार्क चॉकलेट का सेवन फायदेमंद साबित होता है। एक शोध में सामने आया है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद कोकोडायट्री फ्लेवोनोल्स फोटो-प्रोटेक्शन प्रदान करता हैं और त्वचा के ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार कर सकता हैं। इसके अलावा डार्क चॉकलेट त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से बचा सकती है। हालांकि, ध्यान रखने वाली बात है कि अगर जरूरत से ज्यादा डार्क चॉकलेट का सेवन किया जाता है तो कील-मुंहासों की समस्या हो सकती है।
वजन संतुलित करने के लिए
वजन कम करने में भी डार्क चॉकलेट सहायक हो सकती है। एक शोध में सामने आया है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवेनोल तत्वों के कण यह एंटीओबेसिटी (मोटापा कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित कर सकती है। इस आधार पर मोटापा कम करने के उपाय के तौर पर डार्क चॉकलेट को असरदार माना जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *