Thursday, April 25, 2024
उत्तर प्रदेश

आईईसी यूनिवर्सिटी में औषधि विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास विषय पर अंतराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

सोलन(बद्दी).

अटल शिक्षा कुंज कालूझिंडा स्थित आईईसी यूनिवर्सिटी के फार्मेसी विभाग द्वारा औषधि विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास विषय पर दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कुल 203 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। 6 तकनीकी सत्रों में आयोजित इस सम्मेलन में प्रतिभागिओं और शोधकर्ताओं की सुविधा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही विकल्प उपलब्ध थे।

सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक एसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार लाने के लिए इस तरह के सम्मेलनों की उपलब्धता पर जोर देते हुए कहा कि हिमाचल में जैव विविधता, औषधि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विस्तार की अपार संभावनाएं हैं। जिस पर छात्रों और शोधकर्ताओं को और अधिक अध्ययन करना चाहिए।

सम्मेलन के पहले दिन फार्मास्युटिकल साइंसेज संस्थान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा के निदेशक, प्रोफेसर (डा.) ए. सी. राणा, उद्धघाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। वहीं दूसरे दिन कैरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी, हमीरपुर के वाइस चांसलर प्रो. डाक्टर करतार सिंह वर्मा ने तकनीकी सत्र के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। फार्मेसी काऊंसिल ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और निदेशक प्रोफेसर डा. शैलेंद्र सराफ ने समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

मौखिक प्रस्तुति प्रतियोगिता में गौरव शर्मा, कीर्ति गोयल, डॉ0 इकमीत कौर ने क्रमश प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। जबकि दविंद्र कुमार, रशीता मक्कड़, गीतांजलि सैनी को मौखिक प्रस्तुति में विशेष प्रशंसा पुरस्कार मिला। पोस्टर प्रस्तुति में अशोक कुमार, हरवीन कौर, रितेश कुमार ने क्रमश प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार हासिल किया वहीं धरूव को पोस्टर प्रस्तुतियों में विशेष प्रशंसा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

आईईसी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डा. जितेंद्र सिंह ने शिक्षाविदों और फार्मा उद्योग के विशेषज्ञों को अपने ज्ञान व अनुभवों को साझा करने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में कई नई शोध संभावनाएं पैदा हुई हैं जो छात्रों और प्रतिभागियों को विभिन्न शोध क्षेत्रों में विशिष्ट काम करने में सहायक होंगी। उन्होंने प्रतिभागियों, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के लोगों की सक्रिय भागीदारी के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेता प्रतिभागियों और आयोजन समिति के सदस्यों को इस अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

इस सम्मेलन में प्रो. अनुपम शर्मा (सेवानिवृत्त) पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़, प्रो. हरीश दुरेजा, एमडीयू रोहतक, प्रो. जीडी गुप्ता, आईएसएफ कॉलेज पंजाब, प्रो. विवेक कुमार गुप्ता, ड्रीम्स कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मंडी, डा. कामरान जमान, साइंटिस्ट-ई आईसीएमआर- आरएमआरसी, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, डा. गोमा बाली बजाज, कोलकाता, सुनीता शर्मा, सीनियर फार्मेसी ऑफिसर, चंडीगढ़, प्रो. संदीप अरोड़ा, चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब, प्रो. प्रबोध चंद्र शर्मा, डीपीएसआरयू, नई दिल्ली, डा. विमल अरोड़ा, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय पंजाब, डा. प्रियंका चनाना, निदेशक सॉल्वो बायोटेक्नोलॉजी विलमिंगटन, डा. सुरेश कुमार, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला, प्रो. अफरोज आलम, बिहार, प्रो. नरेश कलादा राजस्थान, डॉ. रणदीप सिंह दहिया, एमएमयू, अंबाला, श्री दीप नारायण शर्मा, प्रबंध निदेशक, बायोजेंटा लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, एसके राव, रेस्क्यूर्स लाइफसाइंसेज लिमिटेड, सुजीत दाना उपाध्यक्ष-आर एंड डी, इनोवा कैपटैब लिमिटेड, इंद्रेश प्रताप सिंह एचओडी-पीएमटी, वीनस रेमेडी, गौरव शर्मा, प्लांट हेड, बायो सेफ मेडिकल इंडिया, डा. पूजा अरोड़ा, ग्लोबल रीसर्च इंस्टीट्यूट, रादौर, हरियाणा, डा. गिरीश कुमार गुप्ता, श्री साईं कॉलेज ऑफ फार्मेसी, पठानकोट, डा. सुखबीर सिंह चितकारा विश्वविद्यालय पंजाब, डा. गुरफतेह सिंह रयात-वहारा विश्वविद्यालय, पंजाब, डा. अश्विनी कुमार पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ ने मुख्य रूप से भाग लिया।

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