अफगानिस्तान से लौटा अमेरिकी सेना का आखिरी समूह
जिनेवा ,।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के साथ 20 साल के युद्ध को 31 अगस्त को समाप्त कर दिया। 20 साल तक चले इस युद्ध में 2,500 अमेरिकी सैनिक मारे गए। तालिबान ने अमेरिकी सेना को वापस लेने के लिए 31 अगस्त की समय सीमा दी थी, जिसके बाद अमेरिकी सेना को ले जाने वाला आखिरी विमान अफगानिस्तान से रवाना हुआ। अमेरिकी सैनिकों के आखिरी समूह की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान के ”पूर्ण स्वतंत्रताÓÓ की घोषणा की। तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों के आखिरी समूह की वापसी के बाद अफगानिस्तान के ”पूर्ण स्वतंत्रताÓÓ की घोषणा की। अफगानिस्तान की आजादी को लेकर यूएस जनरल केनेथ एफ मैकेंजी ने इस बात की घोषणा की। अमेरिकी सेना को ले जाने वाला आखिरी विमान सोमवार को अफगानिस्तान से रवाना हुआ, तालिबान के नेतृत्व वाले राष्ट्र से अमेरिकी सेना को वापस लेने के लिए 31 अगस्त की समय सीमा तालिबान ने दी थी। समय के अनुसार अमेरिका ने अपनी सेना वापस बुला ली है। अफगानिस्तान में तालिबान के साथ 20 साल के युद्ध के बाद, जिसमें लगभग 2,500 अमेरिकी सैनिक मारे गए और चार राष्ट्रपति पद पर रहे, आज यानी 31 अगस्त को समाप्त कर दिया गया। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने सोमवार को देश के सांसदों को आश्वस्त किया कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं और सेना अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम के बीच किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। बाजवा ने रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में आंतरिक और बाह्य सुरक्षा (कश्मीर सहित) पर संसदीय समितियों को जानकारी देते हुए क्षेत्र के सतत विकास के लिए युद्ध से जर्जर अफगानिस्तान में शांति बहाली के महत्व को भी रेखांकित किया। भारतीय मूल के अमेरिकी डेमोक्रेटिक नेता अजय जैन भूटोरिया ने कहा है कि अफगानिस्तान में 20 साल पुराने युद्ध को समाप्त करना राष्ट्रपति जो बाइडेन की ऐतिहासिक उपलब्धि है। भूटोरिया, बाइडेन के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए चले अभियान के पहले दिन से ही उनके सबसे मजबूत समर्थकों में से एक हैं। सिलिकॉन वैली से आने वाले भूटोरिया ने कहा, इस अराजक और 20 साल लंबे युद्ध को समाप्त करना राष्ट्रपति बाइडेन की एक ऐतिहासिक उपलब्धि और मील का पत्थर है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि उनके देश ने अफगानिस्तान में अपना नया राजनयिक मिशन शुरू किया है। अफगानिस्तान में 20 साल तक चले युद्ध के बाद मंगलवार को अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह वापसी के पश्चात उन्होंने यह बात कही। ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका ने काबुल में अपने राजनयिक मिशन को बंद कर दिया है और दूतावास को कतर के दोहा में स्थानांतरित कर दिया है। अमेरिका में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही ऑक्सीजन और बेड की भारी कमी हो गई है। हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए हैं कि अस्पतालों को अपने रिजर्व से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के कई अस्पतालों के पास महज 12 से 24 घंटे की ही ऑक्सीजन शेष बची हुई है।