Friday, March 29, 2024
राष्ट्रीय

इंडियन फार्मा कंपनियों के लिए अगले 3 सालों में रहेगी 80 हजार करोड़ की मांग

नईदिल्ली।

केयर रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इंडियन फार्मा सेक्टर आने वाले तीन सालों के भीतर कोरोना वैक्सीन सप्लाई को लेकर घरेलू और निर्यात बाजार में 10 से 11 अरब (करीब 80 हजार करोड़) अमेरिकी डॉलर की संभावनाओं को देख रहा है. रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट में अनुमान जताया कि भारतीय वैक्सीन विनिर्माताओं को अमेरिकी कंपनियों की तरह बहुत अच्छी कीमत नहीं मिल पाएगी. अमेरिका में एक खुराक की कीमत 15 डॉलर से 25 डॉलर के बीच है, जबकि भारतीय कंपनियों को एक खुराक के लिए 3.25 डॉलर से 3.50 डॉलर तक मिलने की उम्मीद है.
रिपोर्ट में कहा गया, ”केयर रेटिंग्स को भारतीय वैक्सीन निर्माताओं के लिए अगले तीन वर्षों के दौरान कम से कम 10-11 अरब अमेरिकी डॉलर की आपूर्ति अवसरों की उम्मीद है. इसमें घरेलू आपूर्ति और निर्यात, दोनों शामिल हैं.ÓÓ केयर रेटिंग्स के अनुसार ज्यादातर घरेलू मांग मार्च 2022 तक पूरी होने की उम्मीद है. इस समय तक यूरोप, उत्तरी अमेरिका और विकसित एशियाई देशों जैसे उच्च आय वाले बाजारों में निर्यात के अवसर पूरी तरह खत्म होने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि चीन और जापान को छोड़कर एशिया और कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों, अफ्रीका में निर्यात के अवसर बने रहेंगे.
10 अगस्त 2021 तक पूरी दुनिया में 435 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. अमेरिका, चीन और यूरोप के ज्यादातर देशों में 50 फीसदी से ज्यादा आबादी को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. मेडिकल जानकारों के मुताबिक, अगर दुनिया की 70 फीसदी आबादी पूरी तरह वैक्सिनेटेड हो जाती है तो कोरोना संकट से हम बाहर निकल जाएंगे.
50 करोड़ लोगों का वैक्सिनेशन हो चुका है
10 अगस्त तक भारत में करीब 50 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. इसे 200 करोड़ डोज और लगाने की जरूरत है. अपने देश में रोजाना आधार पर 50-55 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. इंडियन ड्रग रेग्युलेटर की तरफ से देश में अब तक पांच वैक्सीन को मान्यता दी गई है. तीन अन्य वैक्सीन फिलहाल अलग-अलग चरणों में हैं. माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक देश की बहुत बड़ी आबादी का टीकाकरण हो जाएगा.
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल कोरोना वैक्सीन को लेकर इंडियन फार्मा कंपनियों के सामने 4.6 अरब डॉलर का बाजार उपलब्ध है. अगले साल निर्यात में छूट मिलने के कारण वैक्सीन का बाजार करीब 4.9 अरब डॉलर का हो जाएगा. 2023 में यह बाजार 1.6 अरब डॉलर का रह सकता है.

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