पारंपरिक तरीके से मनाया गया ईद उल अजहा का पर्व
हरिद्वार
ईद उल अजहा का पर्व पारंपरिक तरीके से मनाया गया। ज्वालापुर स्थित ईदगाह में कोविड नियमों का पालन करते हुए ईदगाह कमेटी के सदर हाजी इरफान अंसारी, सेक्रेटरी हाजी नईम कुरैशी, नायब सदर हाजी रफी खान, कैशियर छम्मा ठेकेदार, शमीम अहमद आदि पदाधिकारियों को मौलाना अब्दुल वाहिद ने नमाज अदा करायी। नमाज के दौरान सभी पदाधिकारियों ने देश दुनिया से कोरोना महामारी के खात्मे, मुल्क में अमनोचैन व खुशहाली की दुआएं की। ईदगाह कमेटी के पदाधिकारियों को नमाज अदा कराते हुए मौलाना अब्दुल वाहिद ने कहा कि हजरते इब्राहिम के बेटे की याद में ईद उल अजहा का पर्व मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि ईद पर केवल जानवरों की ही कुर्बानी नहीं की जाती। बल्कि जज्बात की कुर्बानी भी दी जाती है। सभी को सरकारी गाईड लाईन का पालन करते हुए पर्व मनाना चाहिए और कोरोना महामारी के खात्मे में सहयोग करना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क लगाएं व बताए गए सभी नियमों का पालन करें। ईदगाह कमेटी के हाजी इरफान अंसारी व सेक्रेटरी हाजी नईम कुरैशी ने कहा कि एकता, भाईचारे व सौहार्द के साथ पर्व मनाएं। सभी का भावनाओं का ख्याल रखते हुए कुर्बानी के बाद पशुओं के सभी अवशेष का उचित रूप से निस्तारण करें। उन्होंने उचित व्यवस्थाओं के लिए पुलिस प्रशासन व नगर निगम का आभार भी जताया। हाजी रफी खान व छम्मा ठेकेदार ने सभी को ईद की बधाई देते हुए कहा कि सभी धर्म समुदाय की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। सौहार्द एकता के इस पर्व को भाईचारे के साथ मनाएं। कोरोना महामारी के चलते ईद उल अजहा मनाए जाने के लिए सरकार व प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों के पालन में जामा मस्जिद, अक्शा मस्जिद, मण्डी की मस्जिद, मनिहारों की मस्जिद, भेल, कुबा मस्जिद, अली मस्जिद आदि में भी पांच-पांच लोगों ने ईद की नमाज अदा की। दिशा निर्देशों के चलते लोगों ने घरों में नमाज अदा कर एक दूसरे को ईद की बधाई दी।