माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना की
रुडकी
महाराजपुर कलां स्थित राधारमण सेवा आश्रम में मंगलवार को माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान आश्रम के संचालक और कई गांवों से आए श्रद्धालुओं ने माता को भोग लगाया और देश-दुनिया को कोरोना के कहर से निजात दिलाने की कामना की। राधारमण सेवा आश्रम में चैत्र नवरात्र पर हर साल मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की प्रतिमाएं बनाकर अलग-अलग दिनों में उनकी पूजा की जाती है। अष्टमी के दिन सबसे बड़ी पूजा होती है। इसके बाद नवमी के दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है। मंगलवार को आठवें दिन आश्रम में धूमधाम से माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की गई। इस दौरान आश्रम के संचालक शारदानंद गिरी महाराज और आसपास के गांवों से आए श्रद्धालुओं ने पूजा के स्थान को गंगाजल से धोकर शुद्ध करने के बाद माता के साथ भगवान गणेश, वरुण देव, नवग्रह और षोडस मातृका (सोलह देवियां) की स्थापना की। इसके पश्चात गंगाजल, कच्चा दूध, दही, पंचामृत, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन रोली, हल्दी सिंदुर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पान के पत्ते, पुष्प हार, सुगंधित द्रव्य, धूप, दीप आदि से पूरे विधि विधान के साथ महागौरी की पूजा-अर्चना की गई। आश्रम संचालक ने बताया कि नवरात्रि के दिनों में महागौरी की पूजा विशेष फलदायक होती है। इससे पापों से मुक्ति मिलती है, मन शुद्ध होता है, नकारात्मक विचार समाप्त होते हैं और बल, बुद्धि, वैभव बढ़ता है। पूजा के दौरान बिट्टू, मदन, रतेंद्र तिवारी, भूपेंद्र निगम, राहुल अग्रवाल, कुलदीप कुमार, अमन चौधरी, राजकुमार, सुनील कुमार सहित काफी लोग मौजूद रहे।