असुरों का संहार कर जगत का कल्याण करती हैं मां कालरात्रि: कालेन्द्रानंद
सहारनपुर
राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में चैत्र नवरात्रि महोत्सव में सप्तम नवरात्रे में मां कालरात्रि पूजा महास्नान अवसर पर स्वामी कालेन्द्रानंद महाराज ने कहा कि मां कालरात्रि असुरों का संहार कर जगत का कल्याण करती है।
मां कालरात्रि की आदि शक्ति रहस्य का वर्णन करते हुए स्वामी कालेन्द्रानंद महाराज ने कहा कि कालरात्रि अर्थात काल जिनके अधीन है, वही काल रात्रि है, सृष्टि का सृजन पालन एवं संहार मां काली के ही वश में है। वे साकार एवं निराकार रूप में परा और अपरा महाशक्ति है।
महाराज ने कहा कि जगत में समस्त चराचर मां भगवती की ही सन्तान है, जब सृष्टि पर अर्थात मां के पुत्र पर घोर संकट दानवों के
माध्यम से आता है तो श्वेत वर्ण क्रोध में श्याम वर्ण अर्थात काल हो गया। मां कालरात्रि कहलाई और दानवों का संहार कर जब क्रोध शांत नहीं हुआ तो शिवजी मां की राह में लेट गये मां का पैर शिव के वक्ष स्थल पर पड़ा तो मां का क्रोध शांत हुआ। मां जगत कल्याणी कहलाई।
उन्होंने कहा कि मां कालरात्रि की सात्विक पूजा जीव को घोर संकटों से बचाकर कल्याणी भाव से जीव का कल्याण करती है। इस अवसर पर अरूण स्वामी, आचार्य अंकित शर्मा, नीरज मिश्रा, योगेश तिवारी, सुचेता, बाला, कमलेश, बबीता आदि मौजूद रहे।