किसान आंदोलन में सक्रिय कंडेला खाप में फूट
जींद
किसान आंदोलनों के लिए चर्चित कंडेला खाप में फूट पड़ गई है। कंडेला खाप कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में प्रभावी भूमिका निभा रही थी। इस फूट कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन और कमजोर हो सकता है। हुआ यह कि गांव कंडेला में हुई पंचायत ने खाप के प्रधान टेकराम को प्रधान पद से हटा दिया। उनकी जगह पूर्व सरपंच ओमप्रकाश को प्रधान बनाया गया। गांव के निवर्तमान सरपंच अजमेर वाल्मीकि ओमप्रकाश को खाप प्रधान की पगड़ी पहनाई। पंचायत में मौजूद लोगों का आरोप है कि टेकराम कंडेला दोनों हाथों में लड्डू लिए हुए हैं। वह मनोहर सरकार की पहली पारी में हरियाणा राज्य सहकारी श्रम एवं निर्माण प्रसंघ के चेयरमैन रहे हैं।
अब वह किसान आंदोलन में जरूर शामिल हैं, लेकिन भाजपा छोड़ने का सार्वजनिक घोषणा उन्होंने नहीं की है, जबकि खाप प्रधान का पद गैरराजनीतिक है। इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया है। इस फैसले का असर कंडेला खाप के गांवों में किसान आंदोलन पर कितना पड़ता है, यह अगले दिनों में देखने वाली बात होगी। यद्यपि टेकराम कंडेला ने कहा कि उनके नेतृत्व में तीन फरवरी को राकेश टिकैत व बलबीर राजेवाल की पहली किसान महापंचायत कंडेला गांव में हुई थी। इसके बाद पूरे देश में किसान महापंचायतों का दौर शुरू हो गया, जो सरकार के लिए सिरदर्द बन गया। इसलिए सरकार के इशारे पर कुछ लोगों ने उन्हें पद से हटाने का हथकंडा रचा है।