Wednesday, April 24, 2024
ट्रैंडिंग न्यूज़दिल्ली

पुलिस ने जब्त किए तस्करी के लिए ले जाए जा रहे 2583 कछुए, अंतर्जनपदीय गिरोह के पांच लोग गिरफ्तार

नई दिल्ली —————————–

इटावा पुलिस ने कछुआ तस्करी मामले में अंतर्जनपदीय गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 2583 कछुए, 30 किग्रा कछुआ कैल्पी, 01 ट्रक, 01 ओमनी वैन एवं अवैध असलाह भी बरामद किए गए हैं। पकड़े गए कछुओं की कुल अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपए बताई गई है।

जिले में अपराध, अपराधियों एवं प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्कारी की रोकथाम के लिए एसएसपी इटावा आकाश तोमर ने जबरदस्त अभियान शुरु किया है, जिसके चलते इटावा पुलिस ने कछुआ तस्करी करने वाले पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से 2583 कछुए बरामद किए गए हैं। कछुए एक ट्रक में भरकर तस्करी के लिए ले जाए जा रहे थे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार थाना सैफई पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग करहल की ओर से एक ट्रक में बड़ी संख्या में कछुओं को लोड करके जसवंतनगर की ओर जाने की तैयारी कर रह रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने करहल से जसवंतनगर की ओर जाने वाले रास्ते श्दुमीला बॉर्डरश् पर चेकिंग शुरु कर दी।

देर रात पुलिस टीम को करहल की ओर से एक ट्रक तथा मारुति वैन एक साथ आते दिखाई दिए, जिसे पुलिस टीम ने रोका तो चालक ने ट्रक तो रोक दिया, लेकिन रात के अंधेरे का फायदा उठाकर वह मौके से भाग निकला। इस बीच पुलिस ने घेराबंदी करके मारुति वैन को भी पकड़ कर पांच लोगों को हिरासत में ले लिया। पकड़े गए ट्रक से बड़ी मात्रा में कछुए और कछुए की कैल्पी बरामद हुई। पकड़े गए अभियुक्तों के पास से अवैध हथियार और चाकू बरामद किए गए हैं।

पुलिस टीम की पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे सभी लोग समायन पक्षी बिहार मैनपुरी व अन्य जगहों से कछुए पकड़ते हैं इसके बाद मांग के अनुसार विभिन्न स्थानों पर कछुओं को बेच देते हैं। उन्होंने बताया कि ट्रक में कछुए लोड कर वे बरेली ले जा रहे थे।

सेक्सुअल पावर बढ़ाने वाली दवाइयों में कछुओं के खोल और मांस का इस्तेमाल किया जाता है। विदेश में कछुओं की कीमत काफी ज्यादा होती है। इसके अलावा कछुओं को सुख समृद्धि का सूचक भी माना जाता है। जिसके कारण कई राज्यों में इनकी काफी डिमांड है। सन 1979 में लुप्त प्राय इन कछुओं को संरक्षित घोषित कर इन्हें बचाने की मुहिम शुरू की गई थी। इसके लिए चंबल नदी के तकरीबन 425 किलोमीटर में फैले इलाके को राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य घोषित किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *